अगर आप स्टॉक मार्केट की खबरें फॉलो करते हैं, तो अकम्स ड्रग्स एंड फार्मास्युटिकल्स का नाम आपने सुना होगा। इस स्मॉल-कैप कंपनी ने FY25 में जबरदस्त प्रदर्शन किया है, जिसका नेट प्रॉफिट 43,516% बढ़ गया। लेकिन यह उछाल कैसे आया? क्या यह ग्रोथ टिकाऊ है? आइए, सरल भाषा में समझते हैं।

FY25 में अकम्स का शानदार प्रदर्शन
FY24 में अकम्स का नेट प्रॉफिट महज 0.79 करोड़ रुपये था, जो FY25 में बढ़कर 343.78 करोड़ रुपये हो गया। यानी 43,516% की अभूतपूर्व वृद्धि।
- रेवेन्यू: सालाना आय में मामूली गिरावट (-1.44%) दर्ज की गई, लेकिन Q4 में 11.79% की बढ़त देखी गई।
- Q4 नेट प्रॉफिट: पिछले साल के नुकसान (39.47 करोड़ रुपये) की जगह इस बार 149.61 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ।
- EPS (प्रति शेयर आय): QoQ आधार पर 126% की वृद्धि हुई, जो 4.26 रुपये से बढ़कर 9.64 रुपये हो गई।
शेयर प्राइस में उछाल के कारण
रिजल्ट्स के बाद अकम्स के शेयर में 6.52% की तेजी देखी गई। मुख्य वजहें:
- CDMO बिजनेस (रेवेन्यू का 79.44%): कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग सेगमेंट ने मजबूत प्रदर्शन किया।
- API और फॉर्मूलेशन (रेवेन्यू का 14.51%): घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अच्छी खासी हिस्सेदारी।
- लॉस से प्रॉफिट में टर्नअराउंड: Q4 में कंपनी ने भारी मुनाफा कमाया, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा।
क्या हैं रिस्क फैक्टर्स?
- रेवेन्यू में गिरावट: FY25 में आय थोड़ी कम हुई, लेकिन लागत नियंत्रण से मुनाफा बढ़ा।
- स्मॉल-कैप वॉलैटिलिटी: 9,172 करोड़ रुपये का मार्केट कैप अभी भी छोटा है, जिसमें जोखिम ज्यादा होता है।
- मुकाबला: सन फार्मा, सिप्ला जैसी बड़ी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा आसान नहीं।
लॉन्ग-टर्म के लिए कितना मजबूत
- 15 मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और 4 R&D सेंटर्स: इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत है।
- विविध उत्पाद रेंज: टैबलेट, इंजेक्शन, सिरप, आई ड्रॉप्स जैसे कई प्रोडक्ट्स पर काम हो रहा है।
- संस्थापकों का अनुभव: संजीव जैन और संदीप जैन 2004 से इस इंडस्ट्री में सक्रिय हैं।
निष्कर्ष
अकम्स का यह प्रदर्शन निवेशकों के लिए आकर्षक हो सकता है, खासकर अगर CDMO सेगमेंट आगे भी ग्रोथ दिखाता है। हालांकि, स्मॉल-कैप स्टॉक्स में उतार-चढ़ाव ज्यादा होते हैं, इसलिए अच्छी रिसर्च के बाद ही कोई कदम उठाएं।
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